अपेंडिक्स की बीमारी में दिखाई देते हैं ये 12 लक्षण, न करें नजरअंदाज

अपेंडिक्स की बीमारी में दिखाई देते हैं ये 12 लक्षण, न करें नजरअंदाज

सेहतराग टीम

आज के समय हमारे शरीर में कई तरह की समस्या होती है। उन्हीं में पेट की समस्या भी आती है। वैसे पेट के अंदर कई तरह की समस्या होती हैं,जिसके लक्षण आमतौर पर नजर आते हैं, चाहे समस्या बड़ी हो या फिर छोटी दोनों ही स्थिति में पेट का मुख्य काम होता है। ऐसे ही पेट में दर्द होना एक सामान्य बात है लेकिन पेट के दर्द के पीछे सामान्य कारणों के साथ ही असामान्य कारण भी होते हैं, जिसको नजरअंदाज करना महंगा पड़ सकता है। आपतो बता दें कि खतरनाक बीमारी अपेंडिक्स के लक्षण भी पेट दर्द के जरिए ही नजर आते हैं। पेट में अचानक होने वाला तेज दर्द आपको अपेंडिक्स के संकेत भी दे सकता है। अपेंडिक्स आंत का छोटा-सा हिस्सा होता है, इसमें सूजन और दर्द होने पर इस स्थिति को अपेंडिक्स कहा जाता है। वैसे तो यह सूजन संक्रमण की वजह से भी हो सकती है, जिसका कारण है दूषित खानपान। अपेंडिक्स का दर्द पेट के नीचे वाले दाहिने हिस्से में होता है।

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अगर इसका सही समय पर इलाज नहीं कराया गया तो ये किसी के लिए भी घातक हो सकता है। लेकिन अगर आप इसका इलाज सही समय पर करा लेते हैं तो आप इस गंभीर स्थिति से बचने में कामयाब हो सकते है। इसका इलाज सही समय पर कराने के लिए आपको इस बीमारी को पहचानना बहुत जरूरी है तभी आप इससे अपना बचाव कर सकते हैं। इसके लिए आपको इससे जुड़े सभी लक्षणों के बारे में पता होना चाहिए जिससे कि आप इसे आसानी से पहचान लें और सही समय पर इलाज करा लें। हम आज आपको इस लेख में बताते हैं कि आप अपेंडिक्स की पहचान अपने आप कैसे कर सकते हैं। 

अपेंडिक्स को पहचानने से पहले आपको ये पता होना चाहिए कि अपेंडिक्स दो तरह के होते हैं। पहला एक्यूट अपेंडिसाइटिस और दूसरा क्रोनिक अपेंडिसाइटिस। दोनों ही मामलों में अगर ध्यान नहीं रखा गया तो ये आपके लिए काफी खतरनाक साबित हो सकता है। एक्यूट अपेंडिसाइटिस में समय पर इलाज न होने पर ये पेट में ही फट सकता है जिससे किसी की भी मौत हो सकती है। वहीं, क्रोनिक अपेंडिसाइटिस की पहचान करने में कई बार काफी समय लग जाता है, इसके लिए कई तरह की जांच की जाती है जिसके बाद इसकी पहचान होती है।

अपेंडिक्स के लक्षण

  • पेट में लगातार दर्द।
  • नाभि के नीचे अचानक तेज दर्द होना। 
  • बार-बार उल्टी आने का मन बनना और उल्टी आना।
  • भूख नहीं लगना।
  • पेट में कब्ज की समस्या पैदा होना।
  • कई मामलों में पेशाब करने पर जलन महसूस होना। 
  • बुखार । 
  • पेट में सूजन पैदा होना। 
  • मल त्याग करने में समस्या होना। 
  • गैस संबंधित परेशानियां। 
  • बहुत ज्यादा पेट में भारीपन महसूस होना।
  • कुछ भी खाने की इच्छा न होना।

बचाव

  • हमेशा ज्यादा से ज्यादा मात्रा में पानी पिएं। 
  • अपनी डाइट में ज्यादा मात्रा में फाइबर युक्त चीजों का सेवन करें।
  • फल और सब्जियों का नियमित रूप से सेवन करें।
  • मूंगफली, दाल, सूजी से बने स्नैक्स लें।
  • बाहर के खानों से दूरी बनाएं। 
  • साफ-सुथरा खाना खाएं। 
  • खाना खाने से पहले हाथ धोएं। 
  • बच्चों को फल और हरी पत्तेदार सब्जियों की आदत डालें। 
  • पेट में कब्ज न बनने दें। 
  • नियमित रूप से दूध पीने की आदत डालें। 
  • सुबह उठने के साथ गुनगुना पानी पिएं।

 

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